Hindenburg: कांग्रेस ने मांगा सेबी प्रमुख माधवी का इस्तीफा

  • कहा- सुप्रीम कोर्ट सीबीआई या एसआईटी से कराए जांच

नई दिल्ली। हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस ने भी सेबी और भाजपा पर हमला बोला है। कांग्रेस ने सेबी प्रमुख माधवी बुच से इस्तीफा मांगा है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट से मामले की जांच सीबीआई या एसआईटी से कराने की मांग की है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अदाणी मामले में सेबी समझौता कर सकती है। इसलिए मोदानी महा घोटाले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जाए। उन्होंने कहा कि मामले में सेबी ने काफी सक्रियता दिखाई। उसने हिंडनबर्ग को 100 सम्मन, 1100 पत्र और ईमेल जारी किए और 12 हजार पृष्ठों वाले 300 दस्तावेजों की जांच की है। लेकिन मुख्य बात है कि कार्रवाई नहीं की गई।

जयराम रमेश ने कहा कि 14 फरवरी, 2023 को मैंने सेबी अध्यक्ष को पत्र लिखा था। मैनें देश के करोड़ों नागरिकों की ओर से भारतीय वित्तीय बाजार के प्रबंधक की भूमिक निभाने के लिए कहा था, लेकिन मुझे कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को दो महीने में अदाणी समूह के खिलाफ स्टॉक हेरफेर और अकाउंटिंग धोखाधड़ी के आरोपों की जांच पूरी करने के निर्देश दिए थे। इसके 18 महीने बाद सेबी ने जांच तो की, लेकिन यह नहीं बताया कि अदाणी ने न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता से संबंधित नियम 19ए का उल्लंघन किया है या नहीं।

उन्होंने दावा किया कि सेबी की अपनी 24 जांच में से दो को बंद करने में असमर्थ रही। इसलिए जांच के परिणाम सामने आने में एक साल से ज्यादा का समय लग गया। रमेश ने आरोप लगाया कि इस देरी की आड़ में प्रधानमंत्री अपने दोस्त अदाणी की अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देते रहे और आम चुनाव में भाग ले पाए। उन्होंने यह भी कहा कि अदाणी समूह को क्लीन चिट मिलने के बाद भी सेबी ने समूह की कई कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

गौरतलब है, अमेरिका की कंपनी हिंडनबर्ग ने 10 अगस्त को एक रिपोर्ट जारी कर दावा किया था कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति ने मॉरीशस की उसी ऑफशोर कंपनी में निवेश किया है, जिसके माध्यम से भारत में अदाणी ग्रुप की कंपनियों में निवेश करवाकर अदाणी ने लाभ उठाया था। उसने कहा कि इसे व्यापार का गलत तरीका माना जाता है।

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