- एकमात्र बचे युवक ने बताया- मलबे की बाढ़ में बह गए चारो
गाजियाबाद। गाजियाबाद से केदारनाथ गए चार दोस्त बादल फटने की घटना के बाद से लापता हैं। पांचवां दोस्त किसी तरह जीवित बच गया। उसने फोन करके बताया है कि पहले पहाड़ से मोटे-मोटे पत्थर नीचे गिरे। इसके बाद मलबे की बाढ़ आई और चारों को बहाकर ले गई। गाजियाबाद से चारों लड़कों के परिजन केदारनाथ रवाना हो गए हैं।
चारों युवकों की पहचान सुमित शुक्ला (20), कृष्णा पटेल (30) निवासी अर्चना एन्क्लेव और मन्नू व चिराग निवासी कस्बा खोड़ा, गाजियाबाद के रूप में हुई है। सुमित ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा है, जबकि कृष्णा पटेल एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं। बाकी दो अन्य युवक भी पढ़ाई कर रहे हैं।
हरिद्वार से अचानक बना केदारनाथ का प्लान
ये चारों दोस्त अपने पांचवें साथी सचिन के साथ 29 जुलाई को हरिद्वार गंगाजल लेने गए। वहां इनका प्लान अचानक केदारनाथ जाने का बन गया। सुमित शुक्ला ने 30 जुलाई को कॉल करके अपनी मां को बताया कि हम केदारनाथ जा रहे हैं और वहीं पहुंचकर जलाभिषेक करेंगे।
सुमित के भाई श्याम ने बताया- एक अगस्त की सुबह सचिन की कॉल हमारे पास आई। उसने बताया कि केदारनाथ में पैदल यात्रा मार्ग पर भीमताल के पास 31 जुलाई की रात बादल फटा। इसके बाद पहाड़ से मोटे-मोटे पत्थर गिरने शुरू हो गए। कुछ ही देर में मलबे की बाढ़ आ गई और पांचों दोस्त बह गए। मुझे किसी तरह एक खच्चर वाले ने पकड़कर खींच लिया और मैं जीवित बच गया। जबकि बाकी चारों दोस्त बह गए। उनका कुछ पता नहीं चला है।
लापता युवकों में शामिल सुमित शुक्ला के भाई श्याम ने बताया परिजन केदारनाथ के लिए रवाना हो गए हैं। इसके बाद पुलिस-प्रशासन की मदद लेकर चारों दोस्तों की खोजबीन की जाएगी।