वाराणसी। झूला ब्रांड आयल कारोबारी और मशहूर उद्योगपति दीनानाथ झुनझुनवाला के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज शुक्रवार को छापेमारी की। असिस्टेंट डायरेक्टर की अगुवाई में लखनऊ और प्रयागराज के 17 अफसर झुनझुनवाला के नाटी इमली स्थित आवास, आशापुर और हिरामन की ऑयल मिल में दस्तावेजों को खंगाल रहे हैं।
इसके अलावा ईडी ने दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और उत्तराखंड समेत देश में झुनझुनवाला के 10 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ईडी ने दो लैपटॉप और कई फाइलों को कब्जे में लिया है। दीनानाथ झुनझुनवाला पर पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ोदा से करीब 900 करोड़ का फ्रॉड करने का आरोप है। झुनझुनवाला का झूला ब्रांड डालडा (वनस्पति तेल) यूपी-बिहार में काफी मशहूर है।
गौरतलब है कि दीनानाथ झुनझुनवाला बिहार में भागलपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने वाराणसी में बीएचयू से ग्रेजुएशन किया था। शुरुआत में दीनानाथ फेरी लगाकर कपड़े बेचते थे। फिर, बिस्किट फैक्ट्री खोली। 17 नवंबर 1989 को झुनझुनवाला वनस्पति लिमिटेड नाम से कंपनी बनाई, जिसे जौनपुर के नाऊपुर में स्थापित किया था। 1990 से कंपनी ने वनस्पति तेल बनाना शुरू कर दिया। कुछ दिनों में कारोबार चल पड़ा। 25 टन प्रतिदिन के उत्पादन से शुरुआत करने वाली यह कंपनी बाद में करीब एक हजार टन प्रतिदिन उत्पादन करने लगी।
2008 में कंपनी ने अपना नाम जेवीएल एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड किया। जेवीएल एग्रो ने वनस्पति, रिफाइंड सोयाबीन और सरसों तेल बनाया। झूला ब्रांड काफी लोकप्रिय हुआ। झुनझुनवाला का कारोबार इंडोनेशिया, चेकोस्लोवाकिया, मलेशिया और श्रीलंका में भी है।
11 बैंकों से लिया लोन, लौटाया नहीं
उद्योगपति दीनानाथ झुनझुनवाला और उनके परिवार ने 11 बैंकों से करोड़ों का लोन लिया था। लेकिन, अब तक लौटाया नहीं है। उनकी कंपनी जेवीएल एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड सबसे बड़ी कर्जदार है। जिसने बैंकर्स से मिलीभगत कर लोन लिए और उसे लौटाया नहीं। खास बात यह है कि स्टॉक और बैलेंस शीट की गलत जानकारी देने के बावजूद बैंकों ने करोड़ों की क्रेडिट लिमिट दे दी थी। 2019 में सीबीआई ने जेवीएल एग्रो पर केस दर्ज किया था। सीबीआई केस के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।