अम्बेहटा याकूबपुर गांव में दलित हिंदू परिवार का धर्म परिवर्तन करा रहे ईसाई मिशनरी के दो युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। दोनों क्षेत्र के कई गांवों में दलित परिवारों को मदद का आश्वासन देकर धर्म परिवर्तन कराने की फिराक में लगे थे।
जलालाबाद के गांव अम्बेहटा याकूबपुर में दो युवक दलित कुसुमपाल पुत्र किशन सिंह के मकान पर पहुंचे। कहा कि यदि वह इसाई धर्म ग्रहण कर लेंगे तो उनके परिवार की धर्म के लोगों द्वारा मदद की जाएगी। उन्हें पता चला है कि कुसुमपाल का एक बेटा बीमार रहता है, जिसके इलाज का पूरा खर्च भी वह खुद ही वहन करेंगे। धर्म परिवर्तन के लिए उन्हें आई कार्ड देने की भी बात तय की गई। धर्म परिवर्तन के प्रयास की सूचना पर थानाभवन पुलिस मौके पर पहुंची और दो युवक मुजफ्फरनगर के हरिनगर निवासी मोनू पुत्र मीर सिंह और सहारनपुर के देवबंद के फतेहपुर निवासी रजनीश पुत्र राजभग को पकड़ लिया।
पुलिस की पूछताछ में दोनों ने बताया कि वे गरीब दलित परिवारों को अमीर बनाने, उनके परिवार के बीमार सदस्य का इलाज कराने आदि का प्रलोभन देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए तैयार करते थे। आसपास के भी कुछ गांवों के दलित लोग उनके संपर्क में थे। कुसुमपाल की तहरीर पर पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ धर्मपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपियों के पास से दो पुस्तक, डायरी और आई कार्ड बरामद किए हैं।
गरीब रहते हैं टारगेट पर
आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि वे विभिन्न गांवों में जाकर ऐसे दलित परिवारों को तलाश करते हैं जो गरीब हों और उनके परिवार में कोई न कोई बीमार हो। इसके बाद उन्हें झांसे में लेकर धर्म परिवर्तन कराने के लिए उनका ब्रेनवॉश करते हैं। उन्हें प्रार्थना आदि भी सिखाई जाती है। एसपी राम सेवक गौतम का कहना है कि आरोपियों के अन्य गिरोह के सदस्यों के बारे में भी जानकारी की जा रही है। गिरोह में जितने भी सदस्य होंगे, सभी के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
आरोपी भी पहले दलित थे
पुलिस ने बताया कि पकड़े गए दोनों आरोपी भी दलित थे। इन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया और फिर समाज के अन्य लोगों को भी प्रलोभन देने के काम में जुट गए।