गणेश चतुर्थी शनिवार को धूमधाम से मनाई जाएगी। इस दिन से गणेश उत्सव की शुरुआत होगी। इसको लेकर शहर के विभिन्न स्थानों पर पंडालों में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित हो रही है। लोग घरों में भी गणेश प्रतिमा रखकर पूजा-अर्चना करेंगे। हर तरफ गणपति बप्पा मोरया गूंजेगा।
लगातार दस दिनों तक भगवान गणेश की पूजा-अर्चना पांडालों में सुबह-शाम की जाएगी। 17 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश की भव्य शोभा यात्रा निकालकर प्रतिमा विसर्जित की जाएगी।
महानगर के पांडेयहाता मेें 18 वर्ष से गणेश उत्सव मनाया जा रहा है। श्री सिद्धिविनायक सेवा संस्थान के महामंत्री संदीप गुप्ता ने बताया कि गणेश उत्सव को लेकर तैयारी पूरी हो चुकी है। भगवान गणेश की प्रतिमा गोरखनाथ से मंगाई गई है। इसके अलावा रिद्धि-सिद्धि की भी प्रतिमा पांडाल में स्थापित की गई है। उन्होंने बताया कि शनिवार शाम को विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना कर प्रतिष्ठित किया जाएगा। इसके बाद भोग व आरती होगी।
शहर के विभिन्न स्थानोें पर रखी जाएगी प्रतिमा
गणेश उत्सव को लेकर शहर के प्रमुख स्थानों व मोहल्लों में रखी जाएगी। बड़ी मूर्ति पांडेयहाता तथा मिर्जापुर में होती है। इसके साथ ही असुरन के विष्णु मंदिर, माया बाजार स्थित दुर्गा मंदिर के बाहर, पादरी बाजार, कुनराघाट, गोरखनाथ, घसीकटरा, कच्चीबगीय, धर्मशाला और किराना मंडी सहित अन्य मोहल्लों में भी रखी जाएगी।
7 सितंबर से गणेश उत्सव की शुरुआत हो रही है। इसका समापन 17 सितंबर 2024 को अनंत चतुर्दशी के दिन होगा। गणेश उत्सव हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होता है। इस दिन घरों और पंडालों में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की जाती है। गणेशोत्सव का यह त्योहार पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। दस दिनों तक पूजा के बाद चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा का विसर्जन कर दिया जाता है। गणेश स्थापना से पहले कुछ नियमों को जानना बेहद जरूरी है। घर में गणपति जी बैठाने जा रहे हैं तो ज्योतिष चिराग दारूवाला से जानिए सही विधि और नियम।
गणपति बप्पा की स्थापना विधि
भगवान गणेश की मूर्ति को उत्तर-पूर्व कोने में स्थापित करना चाहिए और उसका मुख उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
भगवान गणेश की मूर्ति को आसन पर स्थापित करने से पहले उसे अच्छी तरह से साफ करें और गंगाजल छिड़क कर पवित्र करें।
आसन को शुद्ध करने के बाद लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर अक्षत रखें। इसके बाद ही उस आसन पर गणपति बप्पा को शुद्ध हाथों से स्थापित करें।
भगवान श्री गणेश को गंगाजल से स्नान कराएं।
गणपति बप्पा की मूर्ति के बगल में ऋद्धि-सिद्धि रखें, इनकी जगह आप उनके स्वरूप में सुपारी भी रख सकते हैं।
भगवान की मूर्ति के दाहिनी ओर कलश रखें और उसमें जल भरें।
इसके बाद हाथ में फूल और अक्षत लेकर गणपति बप्पा का ध्यान करें।
गणपति बप्पा को फल, फूल और मिठाई अर्पित करें।
उनकी पूजा में ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें।
पूजा के अंत में भगवान श्री गणेश की आरती करें।