मेरठ। सरधना से सपा विधायक अतुल प्रधान ने सोमवार को अपने समर्थकों के साथ सीएमओ कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया। सीएमओ डॉ. अशोक कटारिया को ज्ञापन दिया। इसमें मांग की गई है कि डॉक्टर की फीस 200 रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। मरीजों के लिए ज्यादा एमआरपी की बजाय सस्ती और ऐसी दवाएं लिखी जाएं जो अस्पताल के बाहर भी मिलती हों। अवैध लैब की जांच कराकर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। सुरक्षा के नाम पर गरीब मरीजों और तीमारदारों का उत्पीड़न बंद किया जाए। आयुष्मान योजना के फर्जीवाड़े पर रोक लगनी चाहिए।
अतुल प्रधान ने धरना-प्रदर्शन से पहले शास्त्रीनगर में अपने आवास पर बैठक बुलाई। इसमें सपा कार्यकर्ता और अन्य लोग शामिल हुए। विधायक ने लोगों से इसके लिए सहयोग मांगा। कहा कि सरकारी अस्पतालों में इलाज की गुणवत्ता दिन-ब-दिन घटती जा रही है। किसान, गरीब लोग निजी अस्पताल जाते हैं तो इलाज का बिल इतना ज्यादा होता है कि वे उसे देने की स्थिति में नहीं होते। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ निजी अस्पताल तो बिल बढ़ाने के लिए बिना वजह की जांच, महंगी दवाइयां और सर्जरी तक कराते हैं। विरोध करने पर अस्पतालों में मरीजों और तीमारदारों से अभद्रता की जाती है।
इसके बाद वह समर्थकों के साथ सीएमओ कार्यालय पहुंचे। इस दौरान तौहीद प्रधान कैली, ओमवीर सोम, सतपाल कश्यप, सोनू पाल, नीटू प्रजापति, अरविंद प्रधान, प्रवीण कश्यप, हरेंद्र यादव, सुमित प्रधान, रजी रुहासा और जयवीर सिंह आदि रहे।
मेरठ। निजी चिकित्सकों द्वारा मनमानी फीस वसूलने और सरकारी अस्पतालों चिकित्सा सुविधाओं की बदहाल स्थिति को लेकर समाजवादी पार्टी के विधायक अतुल प्रधान ने मोर्चा खोला। प्रदर्शन व नारेबाजी करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय पर धरना दिया। मौके पर मौजूद सीएमओ डा. अशोक कटारिया से आंदोलनकारियों ने इन मांगों के समाधान को लेकर जवाब मांगा।
सीएमओ ने कहा कि मानकों के विपरीत चल रहे निजी अस्पताल और पैथोलाजी लेब पर कार्रवाई की जा रही है। वैसे वह किसी के दबाव में झुकने वाले नहीं हैं। चाहे उन्हें कुर्सी से हटा दिया जाये या जिले से ट्रांसफर कर कहीं और भेज दिया जाए।