मेरठ में 354 करोड़ से बनेगी इनर रिंग रोड, शासन ने दी अनुमति, लोनिवि देगा 288 करोड़ का मुआवजा

मेरठ में इनर रिंग रोड 354 करोड़ से बनेगी। शासन से इसकी अनुमति मिल गई है। इसके लिए 15 सितंबर तक रकम शासन से मिल जाएगी। हापुड़ रोड को दिल्ली रोड से जोड़ा जाएगा। इसके लिए महायोजना में प्रस्ताव बना था। लोक निर्माण विभाग इसके लिए 288 करोड़ रुपये का मुआवजा भी देगा।

हापुड़ रोड को दिल्ली रोड से जोड़ने के लिए 45 मीटर चौड़ी इनर रिंग रोड के लिए शासन ने अनुमति दे दी है। इस पर 354 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें 288 करोड़ रुपये मुआवजे और 66 करोड़ मार्ग निर्माण पर खर्च होगा। शासन को बजट के लिए भेजे गए प्रस्ताव पर प्रमुख सचिव (लोनिवि) ने रजामंदी दे दी है। 15 सितंबर तक ग्रांट आने की उम्मीद है। इसके बाद जमीनी स्तर पर काम शुरू होगा।

मेरठ महायोजना-2001 में एनएच-58 को मवाना रोड, गढ़ रोड, हापुड़ रोड, दिल्ली रोड से जोड़ने के लिए प्रस्ताव रखा था। वर्ष 2006 में तैयार हुई महायोजना-2001 में इसकी पैरवी की गई, लेकिन दशकों बाद भी मामला परवान नहीं चढ़ा।

अब बीते कुछ सालों से शहर में बिछ रहे हाईवे के जाल और इन्हें जोड़ने का काम तेजी से चल रहा है। ऐसे में गढ़ रोड पर सिसौली के पास इंटरचेंज बनाया जा रहा है और यहां से 12 किमी. लंबी सड़क भावनपुर होते हुए मवाना के सलारपुर में पहुंच रही है। इस पर तेजी से काम चल रहा है।

ऐसे ही सलारपुर से एनएच-58 को जोड़ने के लिए भी मार्ग का निर्माण हो रहा है। इसके बावजूद हापुड़ रोड को दिल्ली रोड से जोड़ने पर कोई पहल नहीं हो सकी। जुर्रानपुर रेलवे फाटक पर पिछले 13 साल से रेलवे की ओर से बनाया गया पुल हवा में लटका हुआ है। इसके दोनों ओर जमीन अधिग्रहण कर इनर रिंग रोड तैयार होनी थी।

इनर रिंग रोड की कुल लंबाई 34.19 किमी. है। मेडा अफसरों के मुताबिक बाईपास से वेदव्यासपुरी योजना तक 2.4 किमी. मार्ग निर्मित है। वेदव्यासपुरी योजना के बाद रेलवे लाइन से दिल्ली रोड तक 1.2 किमी. मार्ग महायोजना मार्ग नहीं है और मौके पर भी इसका निर्माण नहीं हुआ है। हापुड़ रोड से लोहिया नगर नाले तक 1.96 किमी. भाग में 80 मीटर पर विवाद होने के कारण गढ़ रोड भी हापुड़ रोड से नहीं जुड़ सकी है। हाल ही में आयुक्त सेल्वा कुमारी जे. की ओर से विकास कार्यों को लेकर हुई बैठक में भी इस पर चर्चा हुई। इसके तहत मेडा ने जमीन अधिग्रहण के लिए लोक निर्माण विभाग से खर्चा वहन का प्रस्ताव रखा है। इसी के साथ सड़क निर्माण में आने वाले खर्चे को अपनी बाह्य विकास निधि से वहन करने की भी पेशकश की है।

यह श्रीराम की कृपा है: अरुण गोविल

सर्किट हाउस पर पत्रकारों से बातचीत में उन्हाेंने एक पंक्ति सुनाई कि जहां-जहां चरण पड़े संतों के वहां-वहां हुआ बेड़ा पार…यह श्रीराम जी की कृपा ही है कि बहुत से कार्य दो महीने में हो गए। इसका मतलब संकेत शुभ है और मेरठ में बड़े बदलाव होने वाले हैं। वह जिन कार्यों के लिए प्रयास कर रहे हैं वे कार्य तेजी से होते जा रहे हैं।

बताया कि उनके प्रयास से सिटी रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण प्रस्ताव स्वीकृत हुआ। नमो भारत ट्रेन का शुभारंभ मेरठ साउथ भूड़बराल स्टेशन तक होने लगा। 15 साल से रिंग रोड का कार्य लंबित है लेकिन उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत रूप से मिलकर मांग रखी। सांसद बनने पर कनेक्टिविटी के लिए इस सड़क को प्राथमिकता पर रखा था। एक सप्ताह में इसके लिए धनराशि आ जाएगी। शासन से जो धनराशि मिलेगी उससे पीडब्ल्यूडी जमीन खरीदेगा।

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