रहमान ने कहा कि उनकी पार्टी का मानना है कि बांग्लादेश को सभी देशों जैसे अमेरिका, चीन, पाकिस्तान आदि के साथ भी अपने रिश्ते मजबूत करने चाहिए। हमें अतीत का बोझ लेकर नहीं चलना चाहिए।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने बुधवार को जमात-ए-इस्लामी पर लगी पाबंदी हटा ली है.
जमात-ए-इस्लामी के छात्र संगठन इस्लामी छात्र शिविर और उसके अन्य संगठनों पर भी लगी पाबंदी हटा दी गई है.
इन संगठनों पर शेख़ हसीना सरकार के दौरान साल 2013 में पाबंदी लगाई गई थी. पिछले साल बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने जमात के चुनाव लड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था.
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के गृह मंत्रालय ने 28 अगस्त को प्रतिबंध हटाने की अधिसूचना जारी की है.
जमात-ए-इस्लामी से पाबंदी हटा लेने के बाद बांग्लादेश की राजनीति में उसके लिए विकल्प खुल गए हैं और देश के चुनावों में वह अपनी भूमिका निभा सकता है.
जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश की सबसे बड़ी इस्लामी पार्टी है. इस पार्टी का छात्र संगठन काफ़ी मज़बूत है. इस पर देश में हिंसा और चरमपंथ को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं.
भारत में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद पार्टी पर बांग्लादेश में हिन्दू विरोधी दंगे भड़काने का भी आरोप लगा था. जमात-ए-इस्लामी की छवि भारत विरोधी रही है.
‘शेख हसीना भारत न जातीं तो अच्छा होता..’
शफीकुर रहमान (65 वर्षीय) ने कहा कि ‘भारत जमात ए इस्लामी को भारत विरोधी मानता है, लेकिन ये गलत है, इसमें बदलाव होना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि ‘जमात ए इस्लामी किसी देश के खिलाफ नहीं है। हम बांग्लादेश समर्थक हैं और सिर्फ बांग्लादेश के हितों की रक्षा करना चाहते हैं।’ जमात ए इस्लामी प्रमुख ने कहा कि ‘अगर शेख हसीना इस्तीफा देकर भारत न जातीं तो ये अच्छा होता। शेख हसीना को बांग्लादेश लौटकर कानून का सामना करना चाहिए। भारत हमारा पड़ोसी है और हम उसके साथ अच्छे, स्थिर और द्विपक्षीय सद्भाव के रिश्ते चाहते हैं, लेकिन भारत ने अतीत में कुछ ऐसी चीजें की हैं, जो बांग्लादेश के लोगों को पसंद नहीं आईं।’
‘पाकिस्तान समेत सभी पड़ोसी देशों से अच्छे रिश्ते चाहते हैं’
रहमान ने कहा ‘उदाहरण के लिए 2014 में बांग्लादेश में चुनाव के दौरान ढाका में एक वरिष्ठ भारतीय राजनयिक ने बताया था कि किन लोगों को चुनाव में हिस्सा लेना चाहिए और किन्हें नहीं। यह अस्वीकार्य है। पड़ोसी देश को ऐसा नहीं करना चाहिए। भारत को अपनी विदेश नीति की फिर से समीक्षा करनी चाहिए और एक दूसरे पड़ोसी देशों के मामलों में दखल नहीं देना चाहिए।’ रहमान ने कहा कि वह पाकिस्तान समेत सभी पड़ोसी देशों के साथ बांग्लादेश के अच्छे रिश्ते चाहते हैं। रहमान ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने बांग्लादेश में बाढ़ के मुद्दे पर कहा कि भारत को पहले इसकी सूचना देनी चाहिए थी ताकि हम बेहतर प्रबंधन कर सकते। साथ ही उन्होंने कहा कि जिस जगह बांध है, वहां बांध होना ही नहीं चाहिए था बल्कि पानी को प्राकृतिक तरीके से बहते देना चाहिए था। रहमान ने कहा कि जमात ए इस्लामी की छवि को मीडिया द्वारा बदनाम किया गया है।