यूक्रेन यात्रा के बाद रूस के राष्ट्रपति से पीएम मोदी ने की बात, क्या है PM का अगला कदम, कब खत्म होगी जंग?

रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव को कम करने को लेकर अभी एकमात्र कोशिश भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्तर पर ही होती दिख रही है। तीन दिन पहले पीएम मोदी यूक्रेन से लौटे हैं और अभी तक वहां के हालात को लेकर अमेरिका व रूस के राष्ट्रपतियों से वार्ता कर चुके हैं। मंगलवार को मोदी की टेलीफोन पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से लंबी बात हुई है
रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव को कम करने को लेकर अभी एकमात्र कोशिश भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्तर पर ही होती दिख रही है। तीन दिन पहले (शनिवार-24 अगस्त) ही पीएम मोदी यूक्रेन यात्रा से लौटे हैं और अभी तक वहां के हालात को लेकर अमेरिका व रूस के राष्ट्रपतियों से वार्ता कर चुके हैं। मंगलवार को मोदी की टेलीफोन पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से लंबी बात हुई है जिसमें उन्होंने यूक्रेन की अपनी यात्रा को लेकर बताया और साथ ही यूक्रेन विवाद को खत्म कर इस पूरे क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता जताई। सोमवार को देर रात पीएम मोदी की बाइडन से बातचीत हुई थी।

इसमें भी यूक्रेन के हालात एक बड़ा मुद्दा था। बाद में बाइडेन ने मोदी की इस बात के लिए प्रशंसा की है कि उन्होंने वहां शांति का संदेश दिया है और यूक्रेन को मानवीय आधार पर मदद पहुंचाने का कदम उठाया है। अभी रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की स्थिति और भयावह होने की सूचना है। एक दिन पहले ही रूस ने यूक्रेन के आधे से ज्यादा इलाकों पर 200 मिसाइलों से हमला किया है।

भारत हमेशा आपके साथ खड़ा रहेगा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ज़ेलेंस्की से यूक्रेन और रूस के बीच जारी संघर्ष का ज़िक्र करते हुए कहा कि इसका समाधान बातचीत है. मोदी ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों को एक साथ बैठना चाहिए और उन्हें इस संकट से बाहर आने के रास्ते तलाशने होंगे. आज मैं यूक्रेन की धरती पर आपके साथ शांति और आगे बढ़ने के मार्ग पर विशेष रूप से चर्चा करना चाहता हूं.’’

प्रधानमंत्री ने ज़ेलेंस्की को भरोसा दिलाते हुए कहा, ‘‘भारत, शांति के हर प्रयास में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है. मैं व्यक्तिगत रूप से इसमें योगदान दे सकता हूं तो मैं ऐसा ज़रूर करना चाहूंगा. एक मित्र के रूप में, मैं आपको इसका विश्वास दिलाता हूं.’’उन्होंने कहा, मैं आपको और पूरे विश्व समुदाय को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि यह भारत की प्रतिबद्धता है और हम मानते हैं कि संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान हमारे लिए सर्वोपरि है और हम इसका समर्थन करते हैं.

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