अधिकारी ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि पूरी योजना सुमित और विठ्ठल ने एक-दो दिन के भीतर की थी। कॉन्ट्रैक्ट किलर को 50 लाख रुपए दिए गए थे। इस घटना में एक बड़ा ट्विस्ट आया। पुलिस को आमिर खानजादा का नहीं बल्कि सुमित का शव मिला।
महाराष्ट्र में मुंबई के पास कॉन्ट्रैक्ट किलिंग और गलत अनुमान से दूसरी हत्या की जांच के मामले में पुलिस को एक लावारिस कार और दो प्रोपर्टी डीलरों के शव के बारे में पता चला। फिलहाल इस मामले में पूछताछ जारी है। प्रोपर्टी डीलरों की पहचान आमिर खानजादा और सुमित जैन के तौर पर की गई है। वे दोनों ही 21 अगस्त से लापता थे। मुंबई-पुणे राष्ट्रीय राजमार्ग के पास एक बलेनो कार मिलने तक पुलिस के पास कोई सुराग नहीं था।
नवी मुंबई के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी दीपक सकोरे ने बताया कि उन्हें कार से दो बुलेट के निशान, दो खाली कारतूस और खून मिला। उन्हें इसकी जानकारी विठ्ठल नकाडे को गिरफ्तार करने के बाद मिली। विठ्ठल कॉन्ट्रैक्ट किलर के संपर्क में था। अधिकारी ने बताया कि विठ्ठल सुमित जैन का दोस्त था। आमीर खानजादा और सुमित जैन भी दोस्त और बिजनेस पार्टनर थे। वे दोनों नेरुल के रहने वाले हैं और 21 अगस्त की रात से ही लापता थे। हाल ही में कर्ज में डूबे सुमित जैन ने धोखाधड़ी से एक प्लॉट अपने नाम कर लिया। इस प्लॉट में हिस्सा लेने के लिए आमिर उसे ब्लैकमेल कर रहा था। आमिर को मारने के लिए सुमित ने कॉन्ट्रैक्ट किलर को पैसे दिए।
मीटिंग के सिलसिले में कार से निकले थे बाहर
नवी मुंबई पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त दीपक साकोरे ने बताया कि पिछले सप्ताह 21 अगस्त को नेरुल के रहने वाले रियल एस्टेट एजेंट अमिर खानजादा और सुमित जैन प्रोपर्टी डील की मीटिंग के सिलसिले में कार से निकले थे. लेकिन जब वह वापस नहीं लौटे तो गुरुवार (22 अगस्त) को मिसिंग की शिकायत दर्ज की गई थी. इस दौरान पुलिस ने कार में लगी जीपीएस सिस्टम की मदद से कार को खोज निकाला. उक्त कार खोपोली में लावारिस मिली थी. इस दौरान जब पुलिस ने जांच की तो कार में खून के निशान और तमंचे के दो खाली कारतूस मिले थे. जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच तेज की.
प्राथमिक जांच में यह आया सामने
इस मामले की जांच के लिए दोनों परिमंडल की आठ टीम तैयार की गई थी. इस टीम ने जांच कर पेण पुलिस की हद से सुमित जैन की बॉडी जप्त की. इस दौरान जैन पर गोली मारकर हत्या किए जाने का पुलिस के निर्देश में आया. इसके बाद पुलिस ने सोमवार (26 अगस्त) को पांचों आरोपी को गिरफ्तार कर बुधवार (28 अगस्त)को कर्नाळा अभयारण्य से अमिर खानजादा का शव बरामद की है. पुलिस ने बताया के मृतक सुमित जैन, अमीर खानजादा एवं आरोपी विठ्ठल नाकाडे के साथ जमीन की खरीद-बिक्री में आर्थिक लेन-देन के कारण उक्त घटना को अंजाम देने का मामला प्राथमिक जांच में सामने आया है.
क्या है विवाद और क्यों दी सुपारी ?
खानजादा और जैन लंबे समय से रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े थे. खानजादा प्लॉट की जानकारी लाता था और जैन निवेशक ढूंढ कर बेचता है. हत्या का आरोपी विठठ्ल नाकाडे और सुमित जैन ने हाल ही में रायगढ़ जिले के पाली में 3.5 एकड़ जमीन का सौदा किया था. पुलिस के मुताबिक नाकाडे ने जैन के माध्यम से जमीन बेचने के लिए जाली दस्तावेज बनाए. प्रारंभ में, उन्हें निवेशकों से 60 लाख रुपये और चेक के माध्यम से लगभग 9 लाख रुपये प्राप्त हुए.
जब निवेशकों को पता चला कि दस्तावेज़ नकली हैं, तो उन्होंने चेक पर भुगतान रोक दिया. पुलिस ने बताया कि पाली भूमि पार्सल के मूल मालिक की कोरोना -19 महामारी के दौरान मृत्यु हो गई थी और बिक्री के लिए दूसरे नाम के तहत नकली दस्तावेज बनाए गए थे.
पुलिस ने आगे कहा कि रियल एस्टेट में जैन के साथ काम करने वाले आमिर खानजादा ने पाली भूमि सौदे में अपने कमीशन की मांग की. आमिर की मांगों के बावजूद, खानजादा और जैन ने बिना किसी घोषित दुश्मनी के अपना रियल एस्टेट कारोबार एक साथ चलाना जारी रखा. निवेशकों के रुके हुए भुगतान और जैन के 14 से 15 करोड़ रुपये कर्ज के कारण, सुमित जैन का मानना था कि आमिर खानजादा ने पाली भूमि के बारे में विवरण का खुलासा किया था.