तुर्की आतंकी हमले में आया PKK का नाम, क्या है इसकी खलीफा एर्दोगन से लड़ाई, तुर्की-कुर्द संघर्ष का इतिहास जानें

अंकारा: तुर्की की राजधानी अंकारा में बुधवार को सरकारी एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी पर हमला हुआ है। इस हमले में पांच लोगों की मौत हो गई और 12 से ज्यादा लोग घायल हैं। तुर्की के गृह मंत्री अली यर्लिकया ने इसे आतंकी हमला करार दिया है और इसके पीछे कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) का हाथ होने का शक जताया है। हालांकि तुर्की के गृहमंत्री ने हमलावरों के पीकेके से जुड़े होने की पुष्टि नहीं की है लेकिन पीकेके को इसके पीछे माना है। ऐसे में सवाल है कि तुर्की सरकार इस गुट पर क्यों हमले का आरोप लगा रही है, इसका तुर्की से क्या टकराव है।

फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, तुर्की के रक्षा मंत्री यासर गुलेर ने भी हमले के पीछे पीकेके के होने का संदेह जताया है। तुर्की सरकार के दो अहम मंत्रियों की ओर से आए बयानों के बाद पीकेके की तरफ ही उंगली उठ रही है। अंकारा में अटैक के बाद तुर्की ने उत्तरी इराक और सीरिया में पीकेके के ठिकानों पर हमले भी किए हैं। तुर्की ने पीकेके के लिए आक्रामक रुख दिखाया है।

पीकेके कब बना और क्यों बना?
पीकेके एक उग्रवादी संगठन है, जिसे 1978 में अब्दुल्ला ओकलान ने तुर्की में कुर्दों के हकों की लड़ाई लड़ने वाले गुट के तौर पर बनाया था। पीकेके खुद को तुर्का में कुर्दों के लिए ज्यादा राजनीतिक और सांस्कृतिक अधिकार हासिल करने की लड़ाई लड़ने का दावा करता है। शुरुआत में पीकेके मार्क्सवादी-लेनिनवादी सोच का गुट था, जो बाद में कुर्दों के राष्ट्रवादी आंदोलन के तौर पर उभरा।

पीकेके ने 1984 में कुर्द स्वायत्तता के लिए लड़ते हुए एक सशस्त्र विद्रोह शुरू किया था। इसके नतीजे में पीकेके का तुर्की स्टेट के साथ एक लंबा और खूनी संघर्ष चला। इस पूरी लड़ाई में हजारों लोगों की जान गई। पीकेके के लिए कहा जाता है कि ये तुर्की सरकार और सेना के ठिकानों को निशाना बनाते हुए लगातार एक गुरिल्ला युद्ध जारी रखे हुए है।

पीकेके और तुर्की-कुर्द संघर्ष
कुर्द, तुर्की में एक जातीय अल्पसंख्यक हैं। तुर्क दशकों से स्वायत्तता और अधिक स्वतंत्रता की मांग करते रहे हैं। काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशंस के अनुसार, कुर्द तुर्की की आबादी का करीब 20 फीसदी हैं। तुर्की सरकार 20वीं शताब्दी में लगातार कुर्द पहचान का दमन किया। इसमें कुर्द भाषा और अन्य सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाना भी शामिल था।

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