अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले डेमोक्रेटिक पार्टी उम्मीदवार एवं उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को 23 नोबेल पुरस्कार अर्थशास्त्रियों का साथ मिला है। इन अर्थशास्त्रियों ने 228 शब्दों का एक पत्र कमला हैरिस के नाम लिखा। अर्थशास्त्रियों ने अर्थव्यवस्था पर कमला हैरिस की नीतियों की तारीफ की।
उन्होंने कहा कि कमला हैरिस की नीतियां बेहद बेहतर हैं। बता दें कि इससे पहले जून महीने में 15 नोबेल पुरष्कार अर्थशास्त्रियों ने राष्ट्रपति जो बाइडन की तारीफ की थी। कमला हैरिस की तारीफ करने वाले अर्थशास्त्रियों में इस साल के नोबेल पुरष्कार विजेता मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के साइमन जॉनसन और डेरॉन ऐसमोग्लू भी शामिल हैं।
चुनाव से पहले मिला अर्थशास्त्रियों का साथ
पांच नवंबर को अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव है। उससे पहले कमला हैरिस को इन नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्रियों का साथ मिला है। अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर हैरिस अपने प्रतिद्वंद्वी ट्रंप से पीछे हैं।
खतरा हैं डोनाल्ड ट्रंप
पत्र में यह भी लिखा है कि आर्थिक सफलता तभी मिल सकती है जब कानून का शासन हो और आर्थिक व राजनीतिक स्थिरता बनी रहे। मगर डोनाल्ड ट्रंप इन सभी के लिए खतरा हैं। अर्थशास्त्रियों ने कहा कि रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ और कर नीतियां मुद्रास्फीति को बढ़ाने वाली हैं।
टैरिफ मेरा पंसदीदा शब्द: ट्रंप
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी टैरिफ नीति पर अड़े हैं। उनका कहना है कि इसका बड़ा और सकारात्मक असर होगा। ट्रंप ने यह भी कहा कि शब्दकोश में सबसे सुंदर शब्द टैरिफ है। यह मेरा पसंदीदा शब्द है।
सर्वेक्षणों में डोनाल्ड ट्रंप आगे
अमेरिकी जनता में अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर डोनाल्ड ट्रंप अधिक लोकप्रिय हैं। इसका खुलासा कई सर्वेक्षणों में भी हो चुका है। सीएनबीसी के सर्वे के मुताबिक इस मुद्दे पर 42 फीसदी लोग डोनाल्ड ट्रंप के साथ हैं। वहीं कमला हैरिस को 29 फीसदी लोगों का साथ मिला। फाइनेंशियल टाइम्स के सर्वे के अनुसार अर्थव्यवस्था के मामले में 45 फीसदी अमेरिकी डोनाल्ड ट्रंप के पक्ष में हैं। 37 प्रतिशत हमला हैरिस पर भरोसा जता रहे हैं।
ट्रंप ने लगाया था कोरोना फैलाने का आरोप
जिया किंगगुओ ने ट्रंप को ज्यादा इमोशनल बताते हुए कहा कि ट्रंप ने अपने कार्यकाल में चीन को लेकर काफी नकारात्मक जानकारियां फैलाई हैं. ट्रंप के राष्ट्रपति शासन में विश्व की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को बीच संबंध काफी निचले स्तर पर पहुंच गए, खासकर 2019 वुहान में कोरोना वायरस फैलने के बाद संबंध ज्यादा तनावपूर्ण हो गए. डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर कोरोना वायरल फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह वायरस वुहान में चीन के बायो लैब से फैला है जिसने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया. चीन को ट्रंप के आरोपों को काउंटर करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाना पड़ा.
चीन की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा हैं ट्रंप?
इसके अलावा ट्रंप ने अपने कार्यकाल में चीन के निर्यात पर टैक्स दर में वृद्धि कर दी, जिससे बीजिंग पर दबाव डालकर अमेरिका के सामान के लिए पहुंच आसान की जा सके. ट्रंप ने दोबारा राष्ट्रपति चुने जाने पर चीन के सामानों पर 60 फीसदी टैक्स लगाने की धमकी दी है. इससे चीन की पहले से ही सुस्त अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. जिया ने कहा है कि चीन की जिनपिंग सरकार अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर एक आधिकारिक बयान भी तैयार कर रही है, जिससे अमेरिका के आंतरिक मसले पर दखलंदाजी के आरोप से बचा जा सके.