जम्मू-कश्मीर में फ्लॉप हुआ जयंत चौधरी का दांव, RLD के हैंडपंप में जम गई ठंडी वादियों की बर्फ, जमानत भी जब्त

मेरठ: पश्चिमी यूपी तक सियासी तौर पर मजबूत मानी जाने वाली राष्ट्रीय लोकदल (RLD) एकाएक विधानसभा चुनाव में हरियाणा के बजाए जम्मू-कश्मीर के रण में उतरी। हालांकि रालोद के मुखिया जयंत चौधरी के इस निर्णय ने उन्हें सुर्खियों में तो ला दिया लेकिन सवाल उठे कि अपनी सिसायी जमीन वेस्ट यूपी से सटे हरियाणा के चुनाव को छोड़कर बिना जमीन, बिन संगठन और बिना काम के जम्मू-कश्मीर में रालोद क्या कमाल कर पाएगी। सियासी जानकारों ने उस वक्त कहा था कि जयंत के इस निर्णय से सियासत में गलत संदेश जाएगा। हुआ भी ऐसा ही। रालोद के हैंडपंप पर जम्मू कश्मीर की ठंडी हवाओं में एक बूंद (सीट नहीं मिली) भी सियासी पानी नहीं निकला बल्कि वोटों के लिए लिए भी बर्फ जम गया। सभी सीटों पर रालोद की जमानत जब्त हुई।

दरअसल, रालोद मुखिया और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी फिलहाल भाजपा से सियासी दोस्ती किए हैं। वह एनडीए का हिस्सा हैं। रालोद ने जम्मू कश्मीर में सियासी उम्मीदों को पाला। उसे संभावना दिखी की इस चुनाव में वह दूसरे प्रदेश में पैर जमा सकती हैं। रालोद ने वहां 13 सीटों पट्टन, सोनावारी, बांपोर, गुलमर्ग, लैंगेट, बारामूला, हजरतबल, संबल, राफियाबाद, गांदरबल, तराल, जदीबल सेंट्रल शिलॉंग 13 सीटों पर प्रत्याशी उतारे। लेकिन सफलता एक पर भी नहीं मिली। मजबूत वोट के लिए भी रालोद तरस गई। ये हालात तब बनी जब रालोद ने वहां प्रदेश प्रभारी वेस्ट यूपी की बनाया। वेस्ट यूपी से ही 23 स्टार प्रचारक भी भेजे। वह बात दूसरा है कि सारे स्टार प्रचारक वहां प्रचार करने तक नहीं पहुंचे।

सियासी जानकारों की मानें तो रालोद को अगर विधानसभा चुनाव में यूपी से बाहर लड़ना था तब उसकी पहली पसंद हरियाणा होनी चाहिए था।क्योंकि हरियाणा वेस्ट यूपी से सटा हैं। यहां जयंत से सजातीय जाट वोट भी भी करीब 22 फीसदी हैं। किसान बेल्ट हैं। लेकिन बीजेपी ने हरियाणा में जयंत चौधरी से दूरी रखी और गठबंधन होने के बाद भी वहां एक भी सीट नहीं दी। मजबूर होकर रालोद को हरियाणा चुनाव से दूर होना पड़ा।

उसके उलट बिना जनाधार वाले प्रदेश जम्मू कश्मीर जाना और वहां बीजेपी से अलग होकर चुनाव लड़ने का फैसला लोगों को चौंका गया। हालंकि रालोद के जम्मू-कश्मीर के रालोद के चुनाव प्रभारी विनय प्रधान का कहना है कि पार्टी सिर्फ 15 दिन में अच्छा लड़ी। हमने चुनाव अच्छा लड़े। दिसंबर में पंचायत चुनाव भी लड़ेंगे। विधानसभा चुनाव में रही कमियों को दूर करेंगे।

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